हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति के वैश्विक विस्तार में योगदान के लिए मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
भोपाल। शंखनाद टुडे
हिंदी साहित्य, संस्कृति और कला के वैश्विक संवाहक संतोष चौबे को नीदरलैंड्स के साझा संसार फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2025 का प्रथम ‘साझा संसार अंतरराष्ट्रीय सम्मान’ प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा साझा संसार फाउंडेशन की अंतरराष्ट्रीय टीम की ऑनलाइन बैठक में सर्वसम्मति से की गई।

संतोष चौबे रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलाधिपति, ‘विश्व रंग’ महोत्सव के निदेशक और वनमाली सृजनपीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान हिंदी भाषा, साहित्य, भारतीय संस्कृति और कला के वैश्विक स्तर पर सशक्त प्रचार-प्रसार में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।
फाउंडेशन की अध्यक्षता कर रहे नीदरलैंड्स के वरिष्ठ प्रवासी रचनाकार डॉ. रामा तक्षक के नेतृत्व में हुई बैठक में नीदरलैंड्स से विश्वास दुबे, शिवांगी शुक्ला, मनीष पांडेय, आशीष कपूर, स्विट्ज़रलैंड से हर्षिता वाजपेयी, अमेरिका से विनीता तिवारी और भारत से राजेंद्र शर्मा ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में संतोष चौबे को यह सम्मान देने का निर्णय लिया।
वैश्विक पहचान रखने वाले रचनाकार
कवि, कथाकार, उपन्यासकार, संपादक और अनुवादक संतोष चौबे अपने नवाचारों और रचनात्मक प्रकल्पों के लिए पहचाने जाते हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने हिंदी व भारतीय संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार हेतु ‘विश्व रंग’ महोत्सव की शुरुआत की थी, जो आज 50 से अधिक देशों में आयोजित होता है। हाल ही में उन्होंने ‘विश्व रंग–मॉरीशस’ का भव्य आयोजन कर हिंदी के वैश्विक मंच को और भी विस्तार दिया।
पहले भी मिले हैं कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान
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विश्व हिंदी शिखर सम्मान–2024 (सिंगापुर)
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भारत गौरव सम्मान–2024 (फ्रांस)
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वातायन यू.के. अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान–2023 (लंदन)
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लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड–2023 (अमेरिका)
साहित्यिक उपलब्धियाँ
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कविता: कहीं और सच होंगे सपने के लिए दुष्यंत कुमार पुरस्कार
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आलोचना: कला की संगत के लिए स्पंदन सम्मान
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अनुवाद: मास्को डायरी के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति पुरस्कार
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उपन्यास: जलतरंग के लिए शैलेश मटियानी सम्मान व वैली ऑफ वर्ड्स पुरस्कार
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समग्र साहित्यिक अवदान के लिए राष्ट्रीय दुष्यंत अलंकरण और शिवमंगल सिंह सुमन अलंकरण से भी सम्मानित
शुभकामनाओं की बौछार
संतोष चौबे को यह सम्मान मिलने पर विश्व रंग, टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, वनमाली सृजन पीठ, आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केंद्र, आईसेक्ट पब्लिकेशन समेत अनेक साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।



