रिपोर्ट – विशेष संवाददाता, शंखनाद
दिनांक: 12 जून 2025
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
12 जून 2025 की सुबह एक सामान्य सी प्रतीत होने वाली उड़ान ने भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की लंदन-गैटविक जाने वाली उड़ान संख्या AI-171, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेक-ऑफ के चंद पलों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 270 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिसमें विमान के 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे, साथ ही हादसे की चपेट में आए हॉस्टल के 29 से अधिक छात्र-छात्राएं भी शिकार बने।
घटनाक्रम
10:32 AM – टेक-ऑफ की तैयारी
एयर इंडिया की ड्रीमलाइनर विमान बोइंग 787-8 (रजिस्ट्रेशन VT-ANY) को रनवे 23 से लंदन के लिए रवाना होना था। मौसम साफ था, तापमान सामान्य। विमान में कुल 242 लोग सवार थे — 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य।
10:36 AM – टेक-ऑफ और असामान्यता
विमान ने टेक-ऑफ किया, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और ATC के अनुसार, यह सामान्य गति से नहीं उड़ सका। विमान की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम रही और उसमें कंपन महसूस किया गया।
10:37 AM – संकट के संकेत
रडार ट्रैकिंग से पता चला कि टेक-ऑफ के मात्र 17 सेकंड बाद विमान ऊंचाई खोने लगा। उसी दौरान पायलट की ओर से एक MAYDAY कॉल दर्ज हुई — इसका अर्थ था कि विमान गंभीर संकट में है। रडार से मिले संकेतों में यह भी सामने आया कि विमान का लैंडिंग गियर खुला हुआ था, जबकि टेक-ऑफ के समय ऐसा नहीं होना चाहिए।
10:38 AM – टक्कर और विस्फोट
महज 2.3 नॉटिकल मील की दूरी पर, अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल पर विमान गिर पड़ा। हादसे के समय हॉस्टल में लगभग 80 छात्राएं मौजूद थीं। टक्कर इतनी भीषण थी कि भवन का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया और विमान के मलबे में आग लग गई।
त्रासदी के दृश्य
घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। आग की ऊँची लपटें, धुएँ का गुबार और मलबे के बीच चीख-पुकार से पूरा इलाका दहल उठा। अस्पतालों में आपातकाल घोषित किया गया। अग्निशमन विभाग, NDRF, सेना, CISF व स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर तुरंत पहुंचीं।
सिर्फ एक जीवित बचा
पूरे विमान से एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति का नाम विष्वेश कुमार रमेश है, जो सीट 11A पर बैठे थे। वे मामूली जलने और टक्कर के झटके से घायल हुए। उनका इलाज अभी दिल्ली AIIMS में चल रहा है।
जांच और प्रारंभिक निष्कर्ष
ब्लैक बॉक्स बरामद
घटनास्थल से 28 घंटे बाद फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बरामद हुए। यह जांच के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
प्रारंभिक अनुमान – इंजन फेलियर
एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि यह दुर्घटना डुअल इंजन फेलियर या फ्लैप/लैंडिंग गियर की गलत स्थिति के कारण हुई हो सकती है। वीडियो फुटेज से यह स्पष्ट हुआ कि विमान ने पूरी गति नहीं पकड़ी थी, और रैम एयर टर्बाइन (RAT) खुला हुआ देखा गया — जो आमतौर पर इंजन बंद होने पर सक्रिय होती है।
सरकारी और संस्थागत प्रतिक्रिया
उच्चस्तरीय जांच समिति गठित
भारत सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है, जो तीन महीने में प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
एयर इंडिया और बोइंग की जवाबदेही
एयर इंडिया (टाटा समूह के अधीन) ने सभी बोइंग 787 विमानों की विशेष तकनीकी समीक्षा आरंभ कर दी है। DGCA ने भी GE इंजन वाली 787 सीरीज़ पर एक बार का गहन निरीक्षण (One-time check) अनिवार्य कर दिया है।
शवों की पहचान और राहत कार्य
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अब तक 125 डीएनए प्रोफाइल मैच और 83 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
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सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की है और हॉस्टल में मारे गए छात्रों के लिए अलग राहत पैकेज की घोषणा की गई है।
अहमदाबाद विमान हादसा न केवल तकनीकी और मानवीय त्रुटियों का संभावित परिणाम है, बल्कि यह भारतीय विमानन सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी भी है। एक अत्यंत आधुनिक माने जाने वाले विमान — बोइंग 787 ड्रीमलाइनर — का इस तरह दुर्घटनाग्रस्त होना वैश्विक स्तर पर भी चिंता का विषय बना है।
अब सबकी निगाहें ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट और सरकारी जांच की पारदर्शिता पर टिकी हैं। साथ ही, यह हादसा हमें याद दिलाता है कि अत्याधुनिक तकनीक के बावजूद भी सुरक्षा के मूल सिद्धांतों की उपेक्षा नहीं की जा सकती।